रिश्तों का सौंदर्य
एक दूसरे को
समझने में निहित होता है
कोई स्वयं जैसा नहीं मिल सकता
कोई दो व्यक्ति एक से नहीं हो सकते
जब कभी अपने जैसे की खोज करने निकलते हैं
अकेले रह जाते हैं
निर्णय आपका है
आप अकेले चलने में विश्वास करते हैं
या साथ चलने में
आप आगे या पीछे चलने में विश्वास करते हैं
या साथ चलने में
अपनी सीमाएँ निर्धारित कीजिए
उनके अन्तर्गत
दूसरों के अनुसार
अपने को ढालने का प्रयास कीजिए
रिश्ते बनेंगे
अच्छे चलेंगे
चलते रहेंगे
इसको झुकना नहीं समझना कहते हैं
और
रिश्तों का सौंदर्य
एक दूसरे को समझने में निहित होता है
समझदारी से
चलने दीजिए रिश्तों को
रिश्तों में जीवन को
कोई स्वयं जैसा नहीं मिल सकता
कोई दो व्यक्ति एक से नहीं हो सकते
जब कभी अपने जैसे की खोज करने निकलते हैं
अकेले रह जाते हैं
निर्णय आपका है
आप अकेले चलने में विश्वास करते हैं
या साथ चलने में
आप आगे या पीछे चलने में विश्वास करते हैं
या साथ चलने में
अपनी सीमाएँ निर्धारित कीजिए
उनके अन्तर्गत
दूसरों के अनुसार
अपने को ढालने का प्रयास कीजिए
रिश्ते बनेंगे
अच्छे चलेंगे
चलते रहेंगे
इसको झुकना नहीं समझना कहते हैं
और
रिश्तों का सौंदर्य
एक दूसरे को समझने में निहित होता है
समझदारी से
चलने दीजिए रिश्तों को
रिश्तों में जीवन को
4 thoughts on “रिश्ते 26”
This is true sir
रिश्तों का सौंदर्य
एक दूसरे को समझने में निहित होता है
Superb Bhai Saab….
बहुत खूबसूरत sir!
Food for thought! Well iterated!